दुनिया रंग रंगीली है...
🎶🎶
New Nirankari Poem,
By, Khushi & Utkarsh
दुनिया रंग रंगीली है
कोई पतला कोई मोटा है कोई लम्बा कोई छोटा है
कोई काला कोई गोरा है कोई बूढ़ा कोई छोरा है
किसी की बोली गोली जैसी किसी की राग सुरीली है
दुनिया रंग रंगीली है...
कहीं आशा, कहीं निराशा है कहीं जीवन की अभिलाषा है
कोई हँसता है, कोई रोता है कोई लम्बी तान के सोता है
कहीं खिले हैं फूल गुलाबी कहीं पे सरसों पीली है
दुनिया रंग रंगीली है...
कई गाते गीत बहारों के कोई सूरज चाँद सितारों के
कोई फूलों के दीवाने हैं कहीं पे तपती रेत के टीले है।
कोई काँटों के मस्ताने हैं कहीं जरमी बर्फीली
दुनिया रंग रंगीली है...
कोई गम का सागर पीते हैं कोई खुशी बाँट कर जीते हैं
दुःख दर्द सभी का सहते हैं पानी की मानिंद बहते हैं
मनचली है आँख किसी की आँख किसी की गीली है
दुनिया रंग रंगीली है...
जीवन खेल समझ कर खेलो खुशियाँ बाँटो, दुखड़े ले लो
आना जाना लगा हुआ है सोया कोई जगा हुआ है
कहीं पे पत्ते झड़ते देखे कहीं बसन्त अणखीली है
दुनिया रंग रंगली है।
कोई पतला कोई मोटा है कोई लम्बा कोई छोटा है
कोई काला कोई गोरा है कोई बूढ़ा कोई छोरा है
किसी की बोली गोली जैसी किसी की राग सुरीली है
दुनिया रंग रंगीली है...
कहीं आशा, कहीं निराशा है कहीं जीवन की अभिलाषा है
कोई हँसता है, कोई रोता है कोई लम्बी तान के सोता है
कहीं खिले हैं फूल गुलाबी कहीं पे सरसों पीली है
दुनिया रंग रंगीली है...
कई गाते गीत बहारों के कोई सूरज चाँद सितारों के
कोई फूलों के दीवाने हैं कहीं पे तपती रेत के टीले है।
कोई काँटों के मस्ताने हैं कहीं जरमी बर्फीली
दुनिया रंग रंगीली है...
कोई गम का सागर पीते हैं कोई खुशी बाँट कर जीते हैं
दुःख दर्द सभी का सहते हैं पानी की मानिंद बहते हैं
मनचली है आँख किसी की आँख किसी की गीली है
दुनिया रंग रंगीली है...
जीवन खेल समझ कर खेलो खुशियाँ बाँटो, दुखड़े ले लो
आना जाना लगा हुआ है सोया कोई जगा हुआ है
कहीं पे पत्ते झड़ते देखे कहीं बसन्त अणखीली है
दुनिया रंग रंगली है।
Dhan nirankar ji..🙏