Man To Sadho.. || Sampurna Hardev Bani 266 || Tu hi nirankar.

 

मन तो साधो एक है लेकिन कितने रंग बदलता है।

कभी तो सीधे-सीधे चलता कभी यह उल्टा चलता है।

कभी तो बनता राम के जैसा और कभी मन रावण है।

कभी बड़ा ही पापी है मन कभी बहुत ही पावन है।

मन के अंदर नम्रता भी मन में ही अभिमान हैं।

कभी है मन ये पत्थर जैसा कभी ये मोम समान है।

कभी तो नीम करेला जैसा मन कड़वा हो जाता है।

कभी ये मिश्री जैसा बन के मीठापर अपनाता है।

कभी तो वैरी बनता है मन मीत कभी बन जाता ये।

कभी बड़ा ही बेसुरा है कभी है सुर में गाते ये।

मन मतंग है गुरु महावत जब इसका बन जाएगा।

कहे 'हरदेव' निश्चित ही तब यह काबू में आएगा।

🎶🎶


Sampuran Hardev Bani,


    🎵By,

            Khushi Nirankari..

            (khushi@tuhinirankar.ml)


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🌹Dhan nirankar ji 🙏


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