Tu Sare Jag Ka Wali Hai, Nirankari Poem!

यह बात अगर मैं भूलूं तो, माया को जब भी छू लूं तो।
तू फिर से बाँह पकड़ लेता, तेरी बात निराली है,। 
तू सारे जग का वाली है-2

गर होता न तू जीवन में, तो और कहानी होनी थी। 
मैं का ही पसारा होना था, बस मनमानी ही होनी थी। 
कैसे बतलाऊं दुनिया को मैंने क्या नेहमत पा ली है। 
मुझ रंक को राजा बना दिया, यह तेरी बात निराली है।
तू सारे जग का वाली है-2

करें समर्पण सब अर्पण, बातें तो बस बातें हैं। 
बातों से बात नहीं बनती, यह बात भी संत बताते हैं। 
भक्ति वाली कॉपी मेरी, बिल्कुल ही कोरी खाली है। 
तू भर देगा इस कॉपी को, यह मैंने आस जगा ली है। 
तू सारे जग का वाली है-2

यह वचन तुम्हारे हैं गुरुवर, कि प्यार के पुल बनाने हैं। 
प्यार नम्रता सहनशीलता, जीवन में हमें अपनाने हैं। 
जीवन की हर विपदा दाता तूने ही तो टाली है। 
'नवरूप' इस जीवन की आशा मैंने तुझसे लगा ली है। 
तू सारे जग का वाली है-2

-नवरूप (नारनौल, हरियाणा)


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