KAVITA
About Poem:
नई निरंकारी कविता उत्कर्ष निरंकारी द्वारा मुखर और गुलशन जी निरंकारी द्वारा लिखित। वीडियो भाषा हिंदी अंग्रेजी उपशीर्षक के साथ।
यह निरंकार पर लिखी गई कविता के बारे में एक कविता है। हमारे चारों ओर भगवान। और इस कविता में हम अपने सतगुरु के बारे में बात करते हैं। हमारे ईश्वर।
Read Poem:
तेरे भावों को जब मैंने
शब्दों का परिधान दिया है
इस जग ने मेरी रचना को
कविता का सम्मान दिया है
तूने जो भी लिखवाया है
मैंने गीत वो ही गाया है
शब्द, शब्द में लिपटी देखी
तेरे भावों की छाया है
हर इक शब्द समर्पित तुमको
भाव तुम्हें लौटाता हूँ मैं
तुम जब मुझको बल देते हो
गीत तुम्हारे गाता हूँ मैं
जो भी गीत लिखा है मैंने
वो तो गीत तुम्हारा निकला
जिसको मैंने अपना समझा
माल पराया सारा निकला
कला तुम्हारी रेत चिरकती
कलाकार के अन्तर्मन में
सहज अवस्था दे दो 'गुलशन'
हर मानव को इस जीवन में
English Translate:
When I sent my feelings to you
Words are given
This world made my creation
Poetry is respected
Whatever you have written
I sang that song
Saw the word, wrapped in the word
The shadow of your feelings
Every word dedicated to you
I return the feeling to you
When you force me
I sing your song
Whatever song i have written
That song turns out to be yours
Which i thought was mine
Goods are all gone
Art shatters your sand
Under artist
Give a comfortable state 'Gulshan'
Every human in this life
About Poem(English)
New Nirankari Poem vocal By Utkarsh Nirankari and written by Gulshan Ji Nirankari. Video language Hindi with English Subtitles.
This is a poem about poem written on Nirankar. The God around us. And in this poem we Cover about our satguru. Our God.
By Utkarsh Nirankari
🙏🙏Dhan Nirankar Ji🙏🙏
Please Watch Full Video..
#Nirankari #Tu_hi_nirankar