'भक्ति भाव को हर युग में'
प्रभु मिलन की कल्पना को, सतगुरु ने साकार किया है।
भक्ति भाव को हर युग में सतगुरु ने आकार दिया है।
सतगुर बिना ज्ञान नहीं होता, ज्ञान बिना कल्याण नहीं है।
ब्रह्मज्ञानी औषधि बिना, भ्रम का रोग निदान नहीं है।
सन्तोका संग भक्ति कारंग, अंग-संग येनिरंकार दिया है।
भक्ति भाव को हर युग में, सत्गुरु ने साकार किया है।
मन की मति में भक्ति नहीं है, केवल मान बड़ाई है।
श्रद्धा विश्वास अधूरे हैं, मन में केवल चतुराई है।
पहले दर्शन फिर हरि सुमिरण, भक्ति का आधार दिया है। भक्ति भाव को हर युग में, सतगुरु ने साकार किया है।
चरणधूल को चंदन माने, गुरु वचनों को माने वरदान ।
ऐसे जन की भक्ति सफल है. हर पल गुरु चरणों में ध्यान ।
सत्संग, सेवा, सुमिरण के संग, सन्तों का परिवार दिया है।
भक्ति भाव को हर युग में, सतगुरु ने साकार किया है।
भक्ति नाम समर्पण का है किन्तु परन्तु चलता नहीं है।
सत्य सामने ना आये तो मन से भरम निकलता नहीं है।
आठों पहर की भक्ति का, सतगुरु ने उपहार दिया है।
भक्ति भाव को हर युग में, सत्गुरु ने साकार किया है।
दर्शन बिना प्रेम नहीं उपजे प्रेम बिना विश्वास नहीं ।
अज्ञान अंधेरा मिट नहीं सकता, जबतक ज्ञानप्रकाशनहीं । ज्ञान की दृष्टि दी सत्गुरुने, विमल' बड़ाउपकारकिया है।
भक्ति भाव को हर युग में, सत्गुरु ने साकार किया है।
🤲🏻🕊️❤️
✍️Written by: Manju Bhbbhari 'Vimal' From Delhi
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Full Video|| Nirankari Poem, Bhakti parv spacial Video || Audio By Utkarsh Nirankari..
Note:
• Bhakti Parv Samagam is organized on 15 January 2023.
• The place of Samagam is Nirankari Adhyatmik Sthal Samalkha.
• The Samagam time is from 11:00 am to 3:00 pm.